स्विफ्ट कोड क्या होता है, इसकी जरूरत क्यों पड़ती है ? | What is Swift Code in Hindi

स्विफ्ट कोड क्या होता है, इसकी जरूरत क्यों पड़ती है ? | What is Swift Code in Hindi

स्विफ्ट कोड (swift code) क्या है ?

स्विफ्ट (SWIFT) की फुल फॉर्म (full form) है – सोसाइटी फॉर वर्ल्डवाइड इंटरबैंक फाइनेंशियल टेलीकम्युनिकेशन (Society for Worldwide Interbank Financial Telecommunication) सरल शब्दों में स्विफ्ट एक प्रकार का क्रॉस बॉर्डर पेमेंट सर्विस है। जिस प्रकार भारत मे पेमेंट ट्रांसफर करने के लिये UPI का इस्तेमाल किया जाता है अलग अलग प्रकार के UPI एप्प्स के द्वारा जैसे कि फोनेपे, GPAY, PAYTM, AMAZONPAY आदि कि तरह ही एक देश से दूसरे देश मे ट्रांसेक्शन करने के लिए Swift Code का इस्तेमाल किया जाता है और इस सर्विस को देश और दुनिया के लगभग 200 से अधिक देशों में लगभग 11000 से अधिक बैंको के द्वारा इस्तेमाल किया जाता है। डॉलर के ट्रांसेक्शन के लिए Swift Code का इस्तेमाल किया जाता है। प्रत्येक यूजर का अपना एक स्विफ्ट कोड होता है वैसे ही जैसे हर व्यक्ति का अपना एकाउंट नंबर होता है उसी प्रकार से सबका अपना यूनिक स्विफ्टकॉड (Swift code) होता है। यह एक प्रकार से मैसेज सेवा है जिसके द्वारा वित्तीय संदेश पहुचाया जाता है।

आमतौर पर स्विफ्ट (Swift) एक मैसेज सर्विस है जो कानूनों का अनुपालन करता है और ग्राहक को वित्तीय ट्रांसेक्शन की जानकारी देता है।
SWIFT का उपयोग दो बैंकों के बीच पैसों का हस्तांतरण को संप्रेषित करने के लिए किया जाता है। जब दो बैंकों का संबंध (एक दूसरे के साथ वाणिज्यिक खाते) होता है, तो स्विफ्ट संदेश प्राप्त होते ही स्थानांतरण किया जाता है। एक के व्यक्तिगत खाते से पैसा दूसरे व्यक्ति के खाते में बैंकों के वाणिज्यिक खातों (commercial accounts) के माध्यम से स्थानांतरित किया जाता है। बैंक फीस लेते हैं।

UPI से कैसे SWIFT को बदला जा सकता है?

आमतौर पर UPI एक पेमेंट इंटरफेस है पर भारत सरकार के पास एक अच्छा मौका है जो कि रूस, क्यूबा, सीरिया, ईरान और भी वो देश जिन पर बाकी देशों के बैन लगें हैं के साथ मिल कर या इन देशों के लिए एक क्रॉस बॉर्डर पेमेंट इंटरफेस बनाये जो कि UPI जैसे इंटरफेस में और इम्प्रोवाइजेशन करके किया जा सकता है, हालांकि यह दुनिया की दूसरी बड़ी ताकतों को एक चुनोती जैसा होगा हालांकि चीन के पास भी अपना स्वयं का इंटरफेस है तो भारत एक इंटरफेस दे सकता है जिसे बाकी देश अपनाएंगे।

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