LIC IPO: एलआईसी(LIC) ने सेबी के पास जमा किए दस्तावेज
LIC IPO: एलआईसी ने सेबी के पास जमा किए दस्तावेज, आईपीओ के जरिए 5% हिस्सेदारी बेचेगी सरकार
LIC IPO: एलआईसी(LIC) ने सेबी (Securities and Exchange Board of India)के पास डीआरएचपी (Draft Red Herring Prospectus) फाइल कर दी है।
रविवार, 13 फरवरी 2022 को, भारत सरकार(Indian Government ) ने LIC IPO के लिए सेबी (Securities and Exchange Board of India) रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस फाइल(Draft Red Herring Prospectus) करके LIC IPO के बारे में पहला कार्यशील विवरण घोषित किया| दस्तावेज(Documents) के अनुसार सरकार (government) आईपीओ (IPO) के माध्यम से एलआईसी(LIC)में करीब 5 फीसदी हिस्सेदारी बेचने की तैयारी कर रही है। सरकार 6.32 अरब शेयरों में से करीब 31.6 करोड़ इक्विटी शेयर(equity shares) बेचेगी। आईपीओ के जरिए जितना भी पैसा जुटाया जाएगा, वह सारा सरकार के पास जाएगा।एलआईसी(LIC ) के आईपीओ(IPO) के इंतजार में करोड़ों लोग हैं उम्मीद के मुताबिक, 31 मार्च तक आईपीओ(IPO )जारी हो सकता है|
5 % हिस्सेदारी बेचेगी सरकार-
प्रलेख (documents) के अनुसार सरकार(government) आईपीओ(IPO) के माध्यम एलआईसी(LIC ) में करीब 5 फीसदी हिस्सेदारी बेचने की तैयारी कर रही है। सरकार 6.32 अरब shares में से करीब 31.6 करोड़ इक्विटी शेयर(Equity shares) बेचेगी। इसकी फेस वैल्यू 10 रुपये है। इस ओएफएस आईपीओ (OFS) के जरिए जितना भी पैसा जुटाया जाएगा, वह सारा सरकार के पास जाएगा क्योंकि कंपनी (company)की तरफ से कोई नया शेयर(share) जारी नहीं किया जा रहा है।

विनिवेश(Disinvestment) का लक्ष्य हासिल करने में मिलेगी मदद-
एलआईसी के आईपीओ (IPO) से सरकार (Government) को विनिवेश (disinvestment) के संशोधित लक्ष्य(revised target ) 78 हजार करोड़ रुपये को हासिल करने में मदद मिलेगी। पहले यह लक्ष्य 1.75 लाख करोड़ रुपये था। अभी तक सरकार विनिवेश के जरिए करीब 12 हजार करोड़ रुपये जुटा चुकी है। वर्तमान समय में एलआईसी(LIC) में सरकार की 100 फीसदी हिस्सेदारी है, लेकिन इस आईपीओ के बाद सरकार के पास 95% हिस्सेदारी बचेगी।
पॉलिसीधारकों (Policyholders) को डिस्काउंट(Discount)–
रिपोर्ट (Report) के मुताबिक सरकार(government) एलआईसी(LIC) आईपीओ(IPO) का एक हिस्सा पॉलिसीधारकों (policyholders)के लिए रखने का प्लान (plan) बना रही है। साथ ही एलआईसी के पॉलिसीधारकों (LIC policyholder) को आईपीओ में डिस्काउंट(discount) भी मिल सकता है। रिपोर्ट्स (reports) के अनुसार एलआईसी पॉलिसीधारकों (policyholders) को 5% डिस्काउंट(discount) दे सकती है। देश में एलआईसी के लाखों पॉलिसीधारक (policyholders) है और उनके पास अच्छा मौका हो सकता है एलआईसी(LIC) के shares का डिस्काउंट(discount) पाने का। इसके पीछे का कारण यह भी है कि सरकार(government) रिटेल इन्वेस्टर्स (Retail Investors)को बड़ी संख्या में आकर्षित करना चाहती है। साथ ही सरकार इस आईपीओ में विदेशी निवेश(Foreign Investment) को 20% तक ले जाने के लिए भी काम कर रही है, ताकी आईपीओ(IPO) को बड़ी कामयाबी मिल सके।
बाजार में सबसे ज्यादा हिस्सेदारी है-
यहां पर भारत एलआईसी (LIC) ग्रॉस रिटन प्रीमियम (Gross Return Premium ) के मामले में भारत में सबसे बड़ी जीवन बीमा कंपनी है। एलआईसी के पास 64.1 फीसद बाजार हिस्सेदारी है और न्यू बिजनस प्रीमियम(New Business Premium) के मामले में एलआईसी की बाजार हिस्सेदारी 66.2 फीसद है। लिस्टेड कंपनियों (Limited Companies) में एलआईसी (LIC) की सबसे बड़ी हिस्सेदारी रिलायंस इंडस्ट्रीज (Reliance Industry) में 5.98% है। इसके बाद दूसरी सबसे बड़ी हिस्सेदारी इंफोसिस(Infosys) में 5.55 फीसद है।
किसके लिए कितने शेयर(Share) आरक्षित?
क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स(Qualified Institutional Buyer) के लिए इस आईपीओ (IPO) में 50% Share क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स(Qualified Institutional Buyer) के लिए आरक्षित(reserve) हैं। करीब 15 % शेयर(share) गैर-संस्थागत निवेशकों (Non-institutional Investors ) के लिए आरक्षित(reserve) रहेंगे। रिटेल निवेशकों(Retail Investors) के लिए 35 % शेयर(share) आरक्षित(reserve) रहेंगे। एलआईसी के कर्मचारियो और पॉलिसीहोल्डर्स(policyholders) के लिए भी इस आईपीओ में कुछ शेयर आरक्षित रहेंगे।
भारत के इतिहास का सबसे बड़ा आईपीओ
एलआईसी(LIC) का यह आईपीओ भारत के इतिहास का सबसे बड़ा आईपीओ (IPO) होगा। सरकार द्वारा एलआईसी में अपनी 5% हिस्सेदारी बेचकर इस आईपीओ से 66,000 करोड़ रुपये जुटाने का अनुमान है।
भारत के इतिहास का सबसे बड़ा आईपीओ
एलआईसी(LIC) का यह आईपीओ भारत के इतिहास का सबसे बड़ा आईपीओ (IPO) होगा। सरकार द्वारा एलआईसी में अपनी 5% हिस्सेदारी बेचकर इस आईपीओ से 66,000 करोड़ रुपये जुटाने का अनुमान है।