भारतीय रूपए क्यों गिर रहा है ?| DOLO 650 बनाने वाली कंपनी के फ्रॉड का खुलासा | Rupees vs Dollar

भारतीय रूपए क्यों गिर रहा है ?| DOLO 650 बनाने वाली कंपनी के फ्रॉड का खुलासा | Rupees vs Dollar

डॉलर के मुकाबले इंडियन रुपए 80 को छूते ही RBI ने लिए एक्शन

➤रूपए को बचाने के लिए RBI ने तैयार किया प्लान

➤रूपए को बचाने के लिए RBI अरबों डॉलर खर्च करने को तैयार |

➤सेंट्रल बैंक विदेशी मुद्रा को बचाने के लिए छटवां हिस्सा खर्च करने को तैयार |

➤RBI करीब 100 बिलियन डॉलर की विदेशी मुद्रा खर्च करने को तैयार है |

रूपए गिरने के महत्वपूर्ण कारण

1. दुनिया को रूस यूक्रेन वॉर की वजह से अर्थव्यवस्था को झटका लगा है इस वॉर से दुनिया की लगभग करेंसी कमजोर हुई है लेकिन दो देश ऐसे है जिसकी करेंसी मजबूत हुई है | रूस की करेंसी रुबल है 34 % तक बड़ा है और दूसरी करेंसी है अमेरिकन डॉलर | ये दोने युद्ध के लाभार्थी भी है |
एक डाटा के अनुसार जनवरी 2022 से रूपए 7 % गिरा है जबकि ब्रिटिश पाउंड 13 % गिरा है |

2. युद्ध की वजह से तेल, गेहू, दाल के दाम बढ़ गए है क्योंकि युद्ध की वजह से इसकी आपूर्ति कम हो गई है | जब सप्लाई कम हो गई है तो डिमांड बढ़ गई है और जब डिमांड बढ़ती है तो उसकी प्राइस भी बढ़ जाती है |

3. तीसरी वजह है अंतर्राष्ट्रीय मार्केट में कच्चे तेल के दाम का बढ़ना |

4. कई विदेशी निवेशकों ने भारत में निवेश कम कर दिया है |

रूपए गिरने से क्या असर पड़ेगा

1. विदेशों से वस्तुओं का आयात महंगा हो जाएगा पेट्रोल डीज़ल महंगा हो जाएगा |
2. विदेशी यात्रा महंगी हो जाएगी और विदेश में पढाई करना महंगा हो जाएगा |
3. इसका ये फायदा है कमजोर रूपए से भारत की निर्यात क्षमता बढ़ेगी | निर्यातक को अब 80 रूपए का मूल्य मिलेगा |

DOLO-650 बनाने वाली कंपनी का फ्रॉड का खुलासा

CBDT(Central Board of Direct Taxes) ने दावा किया है DOLO 650 बनाने वाली कंपनी माइक्रो लैब्स लिमिटेड ने अपने प्रोडक्ट को बढ़ावा देने के लिए गलत हथकंडो को अपनाए था |
इस कंपनी ने अपनी बिक्री बढ़ाने के लिए मेडिकल प्रोफेसर को गिफ्ट देने पर 1000 करोड़ रूपए खर्च |
CBDT को छापे में बाहर 1. 20 करोड़ रूपए का कैश और 1. 40 करोड़ रूपए का सोना हीरे मिले |
CBDT ने ये भी बताया DOLO 650 बनाने वाली कंपनी की तरफ से आयकर विभाग को रिसर्च एंड डेवलपमेन्ट पर खर्च का गलत ब्योरा दिया |

माइक्रो लैब्स ने दवा की बिक्री बढ़ाने के लिए जो गलत तरीके अपनाए उसका नतीजा ये हुआ कोरोना काल में DOLO 650 को डॉक्टर्स ने जम कर प्रमोट किया | और लोगों बुखार उतारने के लिए इसे रामबाण दवा मान ली |
अब ये पता चलता है DOLO की ये डिमांड आर्टिफीसियल थी जिसके लिए ये दवा बनाने वाली कंपनी ने हज़ारो लाखों रूपए खर्च किए |
DOLO 650 को माइक्रो लैब्स लिमिटेड बनाती है जो की स्वदेशी कंपनी है बैंगलुरु में स्थीत है |
कंपनी की शुरुआत 1973 में मद्रास में हुई थी | आज माइक्रो लैब्स लिमिटेड 30 से ज्यादा देशों में दवाए एक्सपोर्ट करती है | ये कंपनी हर साल 920 करोड़ रूपए की दवाए एक्सपोर्ट करती है |

कंपनी का सालाना टर्नओवर 2700 करोड़ रूपए का है | कोरोना में इस कंपनी ने इस टर्म का इस्तेमाल किया FUO (Fever of Unknown origin) जो तेज बुखार में अन्य ब्रांड के मुकाबले ज्यादा असरदार होती है |
कंपनी ने वर्ष 2020 में 9. 40 करोड़ स्ट्रिप्स की बिक्री की और साल 2021 में 14. 5 करोड़ स्ट्रिप्स की बिक्री करी |

कंपनी ने quality में compromise नहीं किया था और ना ही दवा में कुछ मिलाया था सवाल इसके मार्केटिंग करने के तरीके गलत तरीके से ब्रांडिंग करने पर उठ रहे है |