ये कंपनियां बनाएंगी ईवी बैटरी | फिनटेक कंपनियां छुएगी आसमान | Fintech company, Crude oil
रिलायंस, ओला और राजेश एक्सपोर्ट्स मिलकर देश में ही बनाएंगी ईवी बैटरी
रिलायंस इंडस्ट्रीज ओला इलेक्ट्रिक और ज्वेलरी कंपनी राजेश एक्सपोर्ट्स मिलकर देश में ईवी बैटरी बनाएंगी | इन तीनों कंपनियों ने शुक्रवार को 1,822 करोड़ रूपए के सरकारी प्रोत्साहन कार्यक्रम (पीएलआई) के तहत बैटरी सेल मैन्युफैक्चरिंग को लेकर एक समझोते की घोषणा की |
समझोते के बाद से राजेश एक्सपोर्ट्स के शेयर रिकॉर्ड ऊंचे स्तर पर पहुँच गए | बहरहाल तीनों कंपनियों को सरकारी प्रोत्साहन पाने के लिए दो साल के भीतर बैटरी मैन्युफैक्चरिंग प्लांट स्थापित करना होगा | प्रोत्साहन राशि का भुगतान देश में निर्मित बैटरी की बिक्री के आधार पर पांच साल में किया जाना है | सरकार पिछले साल कंपनियों के लिए पीएलआई स्कीम लाई थी | इसके लिए चुनी गई चार कंपनियों में रिलायंस इंडस्ट्री, ओला इलेक्ट्रिक और राजेश एक्सपोर्ट्स शामिल थी | पीएलआई स्कीम के तहत कुल 50 गीगावाट बैटरी स्टोरेज कैपेसिटी की मैन्युफैक्चरिंग का लक्ष्य रखा गया है |
घरेलू फिनटेक इंडस्ट्री साल 2025 तक 12 लाख करोड़ की हो जाएगी
देश में डेटा की बढ़ती सुलभता और यूपीआई के बढ़ते प्रयोग से देश के फिनटेक सेक्टर को नई दिशा मिलेगी | 2025 तक इस सेक्टर का मूल्यांकन 12 लाख करोड़ रूपए होने का अनुमान लगाया गया है | बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप (BCG) की ताजा रिपोर्ट में कहा गया है की देश में ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स वित्त वर्ष 2025-26 के दौरान 7 लाख करोड़ के Buy now pay later लोन वितरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा | फ्यूचर ऑफ़ फिनटेक इन इंडिया नामक रिपोर्ट में कहा गया है की देश में छोटे, जल्द चुकाए जा सकने योग्य लोन की डिमांड तेजी से बढ़ रही है | इसके पीछे मुख्य वजह देश का मध्यम वर्ग और शहरी आबादी है |
अब सस्ता रुसी क्रूड खरीदेगी भारतीय कंपनियां
इंडियन ऑइल कॉर्प और रिलायंस इंडस्ट्रीज जैसी ऑयल रिफाइनिंग कंपनियां अब छोटे इंटरनेशनल ट्रेडर से सस्ता तेल खरीदने पर विचार कर रही है | एनालिटिक्स फर्म केपलर के मुताबिक, भारत का सबसे बड़ा प्रोसेसर इंडियन ऑयल रिकॉर्ड तोड़ रफ़्तार से रुसी तेल का आयात कर रहा है | भारत में कच्चे तेल का आयात रोजाना 4.50 लाख बैरल तक पहुंच गया है |