हमलों के बाद से रूस का विरोध कर रहे फ्रांस ने उसी से ईंधन खरीदी बढ़ाई

हमलों के बाद से रूस का विरोध कर रहे फ्रांस ने उसी से ईंधन खरीदी बढ़ाई

यूक्रेन पर रूस के हमलों को 130 दिन हो चुके है | पश्चिमी देशों ने रूस पर तमाम प्रतिबंध लगाए हो, पर खास असर ईंधन निर्यात से आय पर खास असर नहीं आया | युद्ध के 100 दिनों में वह करीब 7. 5 लाख करोड़ रूपए का तेल, गैस, कोयला (जीवाश्म ईंधन) बेच चूका है | इसमें से 60 % हिस्सा तो विरोध कर रहे जर्मनी समेत अन्य यूरोपीय देशों का है | फ्रांस तो और आगे है, जिसने रूस से तेल खरीदी बढ़ा दी है |

जी 7 में सिर्फ अमेरिका ने ही खरीदी बंद की

विरोध में खड़े दुनिया के सबसे शक्तिशाली देशों जी 7 में सिर्फ अमेरिका ने ही रुसी ईंधन खरीदना बंद किया है | वही, फ्रांस ने सस्ते ईंधन का फायदा उठाने के लिए रूस से खरीदारी 7 % बढ़ा दी है |

चीन ने ईंधन खरीदी में जर्मनी को पछाड़ा

रूस से ईंधन खरीदी के मामले में चीन ने जर्मनी को पीछे छोड़ दिया है | वह मई से रोज 20 लाख बैरल कच्चा तेल खरीद रहा है | पिछले साल से 55 % ज्यादा है | अब रूस उसका मुख्य निर्यातक है |

उत्पादन 15% गिरा, पर महंगे तेल से मालामाल

रूस का ईंधन निर्यात 15 % घट गया है | इसके बावजूद उसका राजस्व बढ़ा है, क्योंकि कच्चे तेल के दाम 120 डॉलर के करीब है | उसे हर महीने 13 हज़ार करोड़ रूपए का अतिरिक्त फायदा हुआ |