रूसी-यूक्रेन युद्ध का असर, भारत में गैस और तेल के दामों पर प्रभाव| Russian-Ukraine War
भारत का रूस और यूक्रेन से व्यापारिक रिश्ता है. दोनों देशों के बीच युद्ध छिड़ जाने से भारत की अर्थव्यवस्था पर क्या असर पड़ेगा आइए जानते हैं.
रूस-यूक्रेन संकट में अगर लड़ाई होती है, तो इसका सीधा झटका भारत में आम आदमियों को लगेगा, क्योंकि युद्ध की स्थिति में भारत में कई ऐसे चीज़े हैं, जिसकी कीमत अचानकर से बढ़ने की उम्मीद जताई गई है। रूस-यूक्रेन(Russia-Ukraine) युद्ध का असर का दुनिया के और देशों की अर्थव्यवस्था पर तो पड़ेगा ही, इसके साथ ही साथ प्राकृतिक गैस (Natural Gas) से लेकर गेहूं (Wheat) तक की कीमत(price) में इजाफा हो जायेगा
रूस (Russia)और यूक्रेन(Ukraine) के बीच शुरू हुई लड़ाई का असर धीरे-धीरे अन्य देशों की अर्थव्यवस्था पर भी पड़ने लगा है. हमले के बाद बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड ऑयल फ्यूचर्स(Benchmark crude oil) ने 7 साल के बाद 100 डॉलर(dollar) प्रति बैरल के आंकड़े को छू लिया है. साल 2014 के बाद पहली बार तेल की कीमतें 100 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गईं हैं. कयास लगाया जा रहा है कि इसका असर अन्य देशों पर भी पड़ेगा. वहीं भारतीय शेयर बाजार (share market) बुरी तरह टूटा है. भारत और रूस का रिश्ता काफी मजबूत माना जाता है. दोनों देश समय-समय पर हमेशा एक-दूसरे के साथ खड़े नजर आते हैं.
प्राकृतिक गैस(Natural Gas ) की कीमतें(price)
भारत (India )की कुल ईंधन (fuel) खपत (Consumption)में प्राकृतिक गैस (Natural Gas) की हिस्सेदारी लगभग 6% है. इस 6 प्रतिशत का 56 प्रतिशत भारत आयात करता है.
प्राकृतिक गैस की कीमतें बढ़ेंगी यूक्रेन-रूस संकट ने ब्रेंट कच्चे तेल(crude oil )की कीमत(price) को 96.7 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया है, जो सितंबर 2014 के बाद से सबसे अधिक स्तर है। रूस कच्चे तेल के सबसे बड़े उत्पादकों में से एक है। वर्तमान संकट की वजह से आने वाले दिनों में कीमत 100 डॉलर प्रति बैरल को पार कर जाएगा। कच्चे तेल की कीमतों में वृद्धि का वैश्विक जीडीपी(GDP) पर प्रभाव पड़ेगा। जेपी मॉर्गन के विश्लेषण में कहा गया है कि, तेल की कीमतें बढ़कर 150 डॉलर प्रति बैरल को पार करने की संभावना है, जिसके बाद वैश्विक जीडीपी विकास दर घटकर सिर्फ 0.9 फीसदी रह जाएगी।

भारत (India) और रूस(Russia) को निर्यात (export) और आयात (import) की जाने वाली चीजें
भारत रूस को फार्मा उत्पाद(pharma product), कपड़े(clothing), इलेक्ट्रिकल मशीनरी (electrical machinary ), केमिकल (chemical), कॉफ़ी ( coffee), चाय(Tea), स्टील (Steel), और लोहा(Iron), का निर्यात(Export) करता है. पिछले साल भारत ने रूस को 19,649 करोड़ रुपये का निर्यात(export) किया और 40,632 करोड़ रुपये का आयात(import )किया.
भारत (India) का यूक्रेन(Ukraine ) को निर्यात (export) और आयात (import) की जाने वाली चीजें
भारत यूक्रेन को प्लास्टिक (plastic) का , कपड़े(clothing), फार्मा उत्पाद (pharma product), दालें, कैमिकल(chemical), इलेक्ट्रिक मशीनरी(electric machinary) का निर्यात(export) करता है. इसी तरह से पिछले साल यूक्रेन को भारत ने 3,338 करोड़ रुपये का निर्यात किया और 15,865 करोड़ रुपये का आयात किया.
गैस (Gas) का आयात (Import)
इसका आयात (Import) विशेषकर ऑस्ट्रेलिया (Australia), रूस (Russia) क़तर(Qatar ), नॉर्वे(Norway) जैसे देशों से होता है. कुएं से पहले गैस निकाली जाती है फिर उसे तरल (Liquid) किया जाता है और फिर समुद्री रास्ते से ये गैस भारत (India) पहुंचती है| इस वजह से इसे लिक्विफाइड नेचुरल गैस यानी एलएनजी (LNG) कहा जाता है. भारत लाकर इसे पीएनजी(PNG) और सीएनजी(CNG) में बदल दिया जाता है. इसका इस्तेमाल कारखानों(Factories), बिजली घरों(Power houses), सीएनजी वाहनों(Vehicles) और रसोई घरों में होता है|
LNG की कीमतों में बढ़ोतरी
रूस-यूक्रेन संकट के बीच एलएनजी (LNG) की कीमतों में भी बढ़ोतरी देखने को मिली है. रूस, पश्चिम यूरोप (Europe) प्राकृतिक गैस (Natural Gas )का बड़ा निर्यातक(Exporter) है| इसी क्षेत्र में सारी पाइप लाइन बिछी हुई हैं. दोनों देशों के बीच चल रही लड़ाई को देखते हुए आशंका जताई जा रही है कि कहीं सप्लाई में रुकावट ना हो जाए. इसी आशंका की वजह से एलएनजी(LNG) की कीमतें(price ) बढ़ रही है.
रूस (Russia) 40% तेल(Oil) और प्राकृतिक गैस(Natural Gas), यूरोप(Europe) को बेचता है अगर उसने भी ये बंद कर दिया तो स्थिति खराब हो सकती है|
खाद्य तेल (Cooking Oil) पर क्या असर पड़ेगा
यूक्रेन (Ukraine), विश्व(World) का सबसे बड़ा रिफ़ाइन्ड (Refined) सूरजमुखी के तेल(Oil) का निर्यातक(Exporter) देश है. दूसरे स्थान पर रूस(Russia) है. इसी तरह से अगर लंबे समय तक दोनों देशों के बीच लड़ाई जारी रही तो घरों में इस्तेमाल होने वाले सूरजमुखी के तेल की किल्लत भारत में भी हो सकती है.
इसके अलावा यूक्रेन(Ukraine) से भारत(India) फर्टिलाइज़र(Fertilizer) भी बड़ी मात्रा में ख़रीदता है. भारतीय नेवी के इस्तेमाल के लिए कुछ टर्बाइन (Turbine) भी यूक्रेन भारत को बेचता है.
कीमती पत्थर और धातु(Stone And Metal )
इसके अलावा भारत, रूस (Russia) से मोती, कीमती पत्थर, धातु भी आयात(Import) करता है. इनमें से कुछ का इस्तेमाल फोन (Phone) और कंप्यूटर(Computer) बनाने में भी होता है.
गाजियाबाद(Ghaziabad) के व्यापार पर असर
रूस (Russia)और यूक्रेन(Ukraine) के बीच शुरू हुए युद्ध का असर अब गाजियाबाद के व्यापार पर भी देखने को मिल रहा है. यहां लगभग 80 से 100 फैक्ट्री(Factory) ऐसी हैं जिनका इन दोनों देशों से आयात (import) या निर्यात (Export) का काम चलता रहता है| इन दोनों देशों में गाजियाबाद(Ghaziabad) से कृषि का सामान और कपड़े(clothing) का निर्यात(export) होता है. जबकि रूस और यूक्रेन से व्यापारी पेट्रोलियम पदार्थ(petroleum) और केमिकल (chemical) आयात (import) होता है लेकिन युद्ध की वजह से कुछ भी आयात (import)और निर्यात (Export) नहीं हो पा रहा है. गाजियाबाद इंडस्ट्री एसोसिएशन (Ghaziabad Industry Association)को अब तक लगभग 100 करोड़ का नुकसान हो चुका है|
पेट्रोल(Petrol), डीजल(Diesel) की कीमतें बढ़ेंगी
वर्तमान में भी कच्चे तेल(Crude oil ) की ऊंची कीमतों ने पूरे भारत में पेट्रोल और डीजल की कीमतों (price) में वृद्धि करी है। भारत ने 2021 में ईंधन (Fuel) की कीमतों के मामले में रिकॉर्ड(record)ऊंचाई देखी। यदि रूस-यूक्रेन संकट जारी रहता है, तो भारत पेट्रोल-डीजल की कीमतों में वृद्धि देख सकता है। भारत के कुल आयात में तेल आयात 25% से ज्यादा है और भारत अपनी जरूरत का 80 फीसदी से ज्यादा तेल अलग अलग देशों से खरीदता है। तेल की कीमतों में तेजी का असर चालू खाते के घाटे पर पड़ेगा।