इंट्राडे ट्रेडिंग की सच्चाई | Intraday Trading
इंट्राडे ट्रेडिंग की सच्चाई | Intraday Trading
इंट्राडे ट्रेडिंग (Intraday Trading) निवेश (Invest) का सही तरीका क्यों नहीं है?
जब भी कोई व्यक्ति पहली बार स्टॉक मार्केट (stock market) में ट्रेड (trade) करने की सोचता है तो उसको इंट्राडे ट्रेडिंग (Intraday trading) का option बहुत अच्छा लगता है लेकिन सच्चाई कुछ और ही है। अगर आपको पता नहीं है तो आपको यह जान लेना चाहिए कि जब हम किसी company के shares एक दिन खरीदकर वापिस उसी दिन बेच देते है तो इसे इंट्राडे ट्रेडिंग (intraday trading) कहते है।
इंट्राडे ट्रेडिंग (intraday trading) में stocks को कुछ मिनट्स से लेकर कुछ घंटों तक hold किया जाता है। हालाँकि कुछ लोग तो केवल कुछ सेकण्ड्स के लिए ही इसको hold करके वापिस बेच देते है। मार्केट में तेजी से होने वाले fluctuation का फायदा उठाने के लिए लोग ऐसा करते है। इसका उल्टा होता है अगर हम stocks को कुछ महीनों से लेकर कुछ सालों तक hold करते है तो इसको लॉन्ग टर्म इन्वेस्टिंग (Long term Investing) कहते है। इस strategy में हम long term Return को ही ज्यादा importance देते है short term में होने वाले मार्केट fluctuation को नहीं |
हर एक व्यक्ति के अपने हिसाब से अलग-अलग strategy का use करते है | अगर हम इंट्राडे ट्रेडिंग की बात करे तो यह एक Active style है क्योंकि इसमें निवेशक मार्केट में होने वाले short term fluctuation का फायदा उठाकर पैसा कमाता है। इसके अलावा इंट्राडे ट्रेडिंग (intraday trading) में आपको ज्यादा समय तक screen के सामने बैठकर मार्केट में होने वाले परिवर्तनों पर एक नजर रखनी पड़ती है तथा आपको अपना एक system बनाना पड़ता है जिस पर आप trading कर सकें।
वैसे यह काम काफी challenging हो सकता है क्योंकि ग्लोबल मार्किट अलग अलग time zone में काम करता है इसलिए हर देश में मार्किट के ओपन रहने की timing भी अलग-अलग रहती है। उदाहरण के तौर पर जैसे भारतीय मार्किट तथा यूरोपियन मार्किट अलग अलग समय पर खुलते है तथा अगर कोई व्यक्ति डे ट्रेडिंग में ज्यादा से ज्यादा मुनाफा कमाना चाहता है तो उसको दोनों मार्किट पर निगाह रखनी होगी। इसके अलावा अगर हम इन्वेस्टिंग की बात करे तो इसमें आपको एक बार शेयर खरीदने के बाद उतना स्क्रीन के सामने बैठने की भी जरूरत नहीं है तथा आप monthly मासिक भी अपने स्टॉक्स का Analysis कर सकते है।
इसके अलावा इंट्राडे ट्रेडिंग की सबसे बड़ी problem यह है कि इसमें आपको अनेक प्रकार के charges तथा fees करनी पड़ती है। एक दिन में बहुत ज्यादा ट्रांसक्शन होते है तथा इन ट्रांसक्शन पर भिन्न भिन्न प्रकार के चार्जेज लगते है जैसे Transaction Charge, Brokerage, ब्रोकरेज पर GST, स्टाम्प ड्यूटी आदि तथा इन सबका योग एक भारी धनराशि के रूप में सामने आता है।
इसलिए अगर कोई ट्रेडर Break-even की स्थिति में रहना चाहता है तो भी हकीकत में उसको मार्किट में कुछ प्रॉफिट कमाना पड़ेगा क्योंकि ये सब चार्जेज भी लग जाते है। इंट्राडे ट्रेडिंग में होने वाले प्रॉफिट को Speculative Profit की श्रेणी में रखा गया है तथा ये profit Income Head of Business के अंदर आता है इसलिए इसमें टैक्स भी सामान्य नियमों के अनुसार लगता है। अगर हम टैक्स बचाना चाहते है तो हमें निवेश करना होगा तथा उसके बाद शार्ट टर्म capital gain या लॉन्ग टर्म capital gain के अनुसार टैक्स लगेगा जिसकी Rate कम होती है। इसके अलावा इंट्राडे ट्रेडिंग (intraday trading) में आप margin लेकर भी ट्रेडिंग कर सकते है जिसका भुगतान वापिस ब्रोकर को करना पड़ता है।
इंट्राडे ट्रेडिंग (intraday trading) में काफी risk होता है तथा आपका एक निर्णय आपको भारी घाटा करवा सकता है। इसीलिए बहुत से experts इंट्राडे ट्रेडिंग को एक जुआ मानते है। इसलिए नए निवेशकों को इंट्राडे ट्रेडिंग से दूर रहने की सलाह दी जाती है।
इंट्राडे ट्रेडिंग में फंडामेंटल एनालिसिस (fundamental Analysis) की बजाय टेक्निकल एनालिसिस (Technical Analysis) के हिसाब से निर्णय लिए जाते है तथा टेक्निकल एनालिसिस में बहुत ज्यादा speculation रहता है जो आपके लिए risky हो सकता है। अगर आप इस प्रकार का रिस्क लेने के लिए तैयार नहीं है तो आपके लिए बेहतर यही होगा कि आप इंट्राडे ट्रेडिंग की बजाय इन्वेस्टिंग को ज्यादा महत्व दे क्योंकि इसमें रिस्क कम होता है। लॉन्ग टर्म इन्वेस्टिंग करते समय आप आराम से अपना समय लेकर कंपनियों का विश्लेषण कर सकते है तथा उनको सही कीमत पर खरीदकर आप अपनी इन्वेस्टिंग की जर्नी को और खूबसूरत बना सकते है।
हमने ऐसी बहुत सी खबरें सुनी है कि उस ट्रेडर ने एक दिन में इतना भारी प्रॉफिट कमा लिया लेकिन उस भारी प्रॉफिट के पीछे की सच्चाई यह है कि उसके लिए ट्रेडर को एक बड़ी धनराशि दांव पर लगानी होती है तथा भारी घाटे के सामना भी करना पड़ सकता है। अगर आप इसकी प्रोफेशनल तरीके से ट्रेनिंग लेना चाहते है तो भी आपको इसके लिए काफी पैसे लगाने पड़ेंगे। इसके अलावा यह भी बहुत जरूरी है कि आप इसे सिखने के लिए लगाने वाला पैसा सही जगह पर लगाए जिससे आपको इसका पूरा फायदा मिल सके |
जब भी कोई व्यक्ति पहली बार शेयर मार्किट में काम करना शुरू करता है तो उसके पास इतना ज्यादा नॉलेज तथा स्किल्स नहीं होती तथा इसीलिए अनेक इंट्राडे ट्रेडर अपना पैसा खो देते है तथा फिर शेयर मार्किट के बारे में एक गलत छवि लोगों में जाती है। इसके अलावा इंट्राडे ट्रेडिंग में प्रॉफिट कमाने तथा घाटे को सहन करने के लिए मानसिक रूप से भी व्यक्ति को तैयार रहना पड़ता है|
जब भी हम किसी कंपनी के शेयर खरीदते है तो हम उसमे एक छोटा सा हिस्सा खरीद लेते है तथा शेयर मार्किट इसी कांसेप्ट पर टिका हुआ है लेकिन इंट्राडे ट्रेडिंग में ऐसा नहीं होता है क्योंकि स्टॉक्स को कुछ मिनट्स या घंटों बाद बेच दिया जाता है इसीलिए Warren Buffet जैसे महान निवेशक भी इंट्राडे ट्रेडिंग के पक्ष में नहीं बोलते।